छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ जवानो पर हुए हमले के मामले में चार संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है । मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, ये चारों हमले में शामिल थे । इनमें से एक नाबालिग है । बता दें कि हाल ही में सुकमा में नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पर हमला किया था । इसमें २५ जवान शहीद हो गए थे । हालांकि, हमले का मास्टरमाइंड माने जाने वाला हिडमा अब भी सुरक्षाबलों की गिरफ्त से बाहर है । माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों पर इस मामले में जल्द कार्रवाई करने का बहुत दबाव था । माना जा रहा है कि ताजा गिरफ्तारियां वारदात वाली जगह से २० किमी दूर चिंतागुफा के आसपास हुई हैं । गिरफ्तारियां ऐसे वक्त हुई हैं, जब गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर सुकमा में ही अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग करने पहुंचे हैं । इससे, एक दिन पहले ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में सुरक्षा मामलों पर बेहद अहम बैठक की । सभी मीटिंग का मकसद नक्सलियों के खिलाफ प्रभावशाली रणनीति बनाना है । नक्सलियों से निपटने के लिए निर्णायक अभियान छेड़ने के लिए खुद अजीत डोभाल भी बैठक कर चुके हैं । वहीं, आठ मई को एक बेहद अहम मीटिंग दिल्ली में होने वाली है । इसमें सभी राज्यों के आला पुलिस अफसर शामिल होंगे । माना जा रहा है कि सुकमा अटैक के बाद केंद्र सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ आरपार की लडाई छेड़ने का मूड बना लिया है । माना जा रहा है कि नक्सलियों के इस हमले में गांवालों की भूमिका भी सामने आई है । हमले में शहीद होने वाले जवानों के शरीर से बुलेटप्रूफ जैकेट उतारने और उनके हथियार लूटने में कथित तौर पर कुछ गांववालों ने भी साथ दिया । वहीं, सुरक्षाबलों के जवाबी हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा कुछ गांववालों को मानव ढाल बनाने की भी बात सामने आ चुकी है । सुरक्षा मामलों के जानकार मानते हैं कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में आर्मी कैंप स्थापित करना जरूरी हो गया है ।
उनका मानना है कि पुलिस और सीआरपीएफ इलाके में नक्सलियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं और ऐंटी-नक्सल ऑपरेशन्स में उन्हें काफी कामाबी भी मिली है, पर चूंकि अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे नक्सली छटपटाहट में जब बड़े हमले कर रहे हैं, ऐसे में सेना की मौजूदगी भर ही उन्हें पीछे धकेलने के लिए काफी होगी ।
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