पीडीपी के वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने कहा है कि जम्मु और कश्मीर सरकार कश्मीर घाटी में सिनेमाघरों को फिर खोलने के लिए कदम उठाएगी और इसके लिए समाज के सभी वर्गो से सहयोग की मांग की गई है । १९९० में जम्मु कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों ने घाटी में सिनेमाघरो को जबरन बंद करा दिया था । आतंकियों ने घाटी में शराब की दुकानों को भी बंद करा दिया था । १९९९ में तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में ३ सिनेमाघरों रीगल, नीलम और ब्रॉडवे को फिर खोलने की कोशिश की थी लेकिन आतंकियों ने कड़ी सुरक्षा के बावजूद इन सिनेमाघरों पर ग्रेनेड फेंक दिया था जिसमें कई लोग जख्मी हुए थे । राज्य सरकार ने सिनेमाघरों की मरम्मत और उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय मदद देने का फैसला किया, इसके बावजुद भी आतंकी हमलों से विचलित सिनेमाघर मालिकों ने थिअटरों को बंद फिर बंद कर दिया । अख्तर पीडीपी के प्रवक्ता भी है । उन्होंने कहा कि कश्मीरियों ने अपने बच्चों को सालों से मनोरंजन से वंचित किया है । श्रीनगर के टैगोर होल में आयोजित फिल्म फेस्टिवल से इतर अख्तर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, आज हमारे बच्चे, यहां तक कि २० से ३० साल तक की उम्र के युवाओं ने शहर में किसी भी फिल्म को नहीं देखा है । हमने उन्हें वंचित रखा है । दुनियाभर में सिनेमा है । अख्तर ने कहा है कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि कश्मीर के लोग सिनेमाघरों को लेकर नकारात्मक क्यों है जबकि पुरी दुनिया में थिअटर्स की मौजुदगी है, यहां तक कि पाकिस्तान में भी ।
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