भारत में ट्रेनें अब निजी स्टील कंपनियों की बनाई पटरियों पर दौड़ सकती है । भारतीय रेलवे ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए है, जिसके लिए निजी स्टील की सप्लाइ में एकाधिकार रखने वाली सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ओफ इंडिया सेल का वर्चस्व खत्म हो सकता है । एशिया के सबसे पुराने रेल नेटवर्क्स में से एक भारतीय रेलवे इन दिनों सप्लाइ की कमी के संकट से जुझ रहा है । रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ब्लूमबर्ग को बताया कि रेलवे ७ लाख मीट्रिक टन पटरियां ट्रैक अपग्रेड के लिए खरीदना चाहता है । उनका कहना है कि इससे रेलवे को आसानी और कम कीमत पर हो सकेगी । ऐमकै ग्लोबल फाइनैशल सर्विसेज से जुड़े गौतम चक्रवर्ती ने बताया कि जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड को इससे सबसे बड़ा फायदा हो सकता है क्योंकि वह अकेली ऐसी कंपनी है, जो इस स्तर पर काम करती है और भारत की घरेलु कंपनी है । चक्रवर्ती ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, यदि सेल की और से पर्याप्त सप्लाइ नहीं हो पाती है तो रेलवे को दुसरी कंपनियों की और जाना होगा । ऐसे में जिंदल स्टील को निश्वित तौर पर लाभ मिल सकता है । हालांकि रेलवे की पहली प्राथमिकता हमेशा से सरकारी कंपनी सेल ही रहेगी ।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने रेल ट्रैक को दुरुस्त करने के लिए रेलवे में ८.६ खरब रुपये के निवेश की योजना बनाई है । कई रेल ट्रैक्स को अपग्रेड करना या उनके विस्तार का काम जारी है ताकि यात्रा के समय में कटौती की जा सके ।
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