तमाम कोशिशों के बावजुद केंद्र सरकार चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाने में सफल नहीं हो पाई है । अब सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्रफी और रेप विडियोज के प्रसार को रोकने के लिए केद्र सरकार से ओनलाइन पोर्टल बनाने और हॉटलाइन नंबर जारी करने को कहा है ताकि कोई भी व्यक्ति अपना नाम बताए बिना इन विडियोज को अपलोड करने वाले लोगो की शिकायत कर सके । जस्टिस मदन बी लोकुर और यूयू ललित की बेंच ने कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सुझाव भी स्वीकार किए । इस समिति में गूगल, माइक्रोसोफ्ट, याहू और फेसबुक के टॉप टेक्नोक्रैट्स के साथ ही केंद्र का भी प्रतिनिधित्व था । कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि समिति के सुझाव को जल्द से जल्द लागू किया जाए । इलेक्ट्रोनिक्स ऐंड इन्फर्मेशन टेक्नोलजी मिनिस्ट्री के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में इस समिति ने सर्वसम्मति से ११ सुझाव दिए ताकि रेप और चाइल्ड पोनॉग्राफी के विडियोज को इंटरनेट पर अपलोड और शेयर होने से रोका जा सके । समिति ने सुझाव दिया है कि केंद्र को ओनलाइन सर्च इंजन और सिविल सोसायटी ओर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर काम करना चाहिए और कीवडर्स खोजकर उन्हें ब्लोक करना चाहिए ताकि लोग आपत्तिजनक विडियोज सर्च ही न करे सके । यह भी सुझाव दिया गया है कि सभी भारतीय भाषाओं के कीवड्र्स का पता लगाना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इन सुझावों को लागू करने के संबंध में ११ दिसंबर को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है ।
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