पिछले तीन साल से भारत में हर चार घंटे में एक नाबालिग रेप के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है । इसी तरह, हर दो घंटे में एक किशोर किसी महिला के साथ छेड़छाड़ और रेप की कोशिश में गिरफ्तार किया जाता है । इतने ही वक्त में पांच नाबालिगों पर संगीन अपराधों से जुड़े आरोप लगते हैं । गृह मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से सामने आया है कि १ जनवरी से लेकर ३१ दिसम्बर २०१६ के बीच रेप के आरोप में २,०५४ (हर ४.२ घंटे में एक) नाबालिग गिरफ्तार किए गए और १,६२७ नाबालिग छेड़छाड़ के आरोप में पकड़े गए । बीते तीन साल में रेप में गिरफ्तार नाबालिगों की संख्या एक सी (हर चार घंटे में एक नाबालिग) बनी हुई है । १ जनवरी २०१४ से लेकर ३१ दिसम्बर २०१६ तक रेप के आरोप में कुल ६०३९ नाबालिग गिरफ्तार हुए हैं । हालांकि महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों में बीते तीन साल के आंकड़ों के मुकाबले २०१६ में बढ़ोतरी आई है । हर दो घंटे में एक नाबालिग की गिरफ्तारी दिखाते, १ जनवरी २०१४ से लेकर ३१ दिसम्बर २०१६ तक कुल ४,९९७ मामले दर्ज हुए हैं । राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो इन ताजा आंकड़ों से २०१६ व २०१६ की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगा । समाजशास्त्री जहां इन बढ़ते अपराधों के लिए सामाजिक से ज्यादा मनोवैज्ञानिक कारणों को जिम्मेदार मानते हैं, वहीं मनोवैज्ञानिक का कहना है कि सेक्स शिक्षा का अभाव और इस विषय पर बात न करना भी नाबालिगों को कुंठा से भर देता है ।