सरकार ने आज नई हज निती पेश कर दी जिसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने और ४५ वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है । हज निती २०१८-२२ में हज यात्रियो को समुद्री मार्ग से भेजने के विकल्प पर काम करने की बात की गई है । आने वाले समय में समुद्री जहाज के जरिए हज पर जाना लोगो के लिए एक सस्ता विकल्प हो सकता है । सुत्रो के मुताबिक इसमें यह प्रावधान किया गया है कि हजयात्रियों के प्रस्थान के स्थानो की संख्या को २१ से घटाकर नौ किया जाएगा । हज निजी तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी । नई हज निति को २०१२ के उच्चत्तम न्यायालय के आदेश के मुताबिक तैयार किया गया है । शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि अवधि में सब्सिडी खत्म किया जाए । अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की और से गठित समिति के संयोजक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह थे । पूर्व न्यायाधीश एस एस पार्कर, भारतीय हज समिति के पूर्व अध्यक्ष कैसर शमीम और इस्लामी जानकार कमाल फारुकी सदस्य थे तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में हज प्रभारी संयुक्त सचिव जे आलम समिति के सदस्य सचिव थे । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, २०१८ में हज नीति के तहत होगा । प्रस्तावित सुविधाओं को देखते हुए यह एक बहेतर नीति है । यह पारदर्शी और जनता के अनुकुल निति होगी । यह हज यात्रियो की सुरक्षा सुनिश्वित करेगी । नई हज निति में हज समिति और निजी टुर ओपरेटरो के जरिए जाने वाले हजयात्रियो के अनुपात को भी स्पष्ट किया गया है । अब कुल कोटे ७० फीसदी हज यात्री हज समिति के जरिए जाएंगे तो ३० फीसदी निजी दुर ओपरेटरो के जरिए हज पर जाएंगे । अब ४५ वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं बिना मेहरम के हज पर जा सकेंगी , हालाकि वे चार महिलाओं के समुह में जा सकेगी । मेहरम के लिए कोटा २०० से बढाकर ५०० किया जाने का भी प्रस्ताव है । गौरतलब है कि मेहरम उसे कहते है जिससे महिला का निकाह नहीं हो सकता, मसलन, पिता, सगा भाई, बेटा और पौत्र-नवासा मेहरम हो सकते है । अब हज के लिए प्रस्थान स्थलों की संख्या को २१ से हटाकर नौ किया जाएगा । दिल्ली, लखनउ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बैगलुरु और कोच्चि से लोग हज के लिए प्रस्थान कर सकेंगे । इन शहरों में उपयुक्त हज भवनो के निर्माण और दुरदराज के इलाकों और इन प्रस्थान स्थलो के बीच संपर्क बेहतर करने का प्रस्ताव भी दिया गया है । समुद्री रास्ते से हज के सफर के विकल्प पर सउदी अरब सरकार से विचार करने और पोत कम्पनियों की रुचि एवं सेवा की शाह लेने के लिए विज्ञापन देने का भी प्रस्ताव है । नई हज निती के तहत राज्यो और शासित प्रदेशों के लिए हज कोर्ट का प्रावधान उनके यहां की मुस्लिम आबादी के अनुपात मे किया जाएगा ।
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