अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद उत्तर कोरिया ने एक बार फिर जापान के उपर से प्रशांत महासागर में बलिस्टिक मिसाइल दागा हैं । संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए ताजा व्यापारिक प्रतिबंधों के जवाब में प्योंगयोग ने यह कार्रवाई की हैं । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसी हफ्ते नोर्थ कोरिया के बढ़ते मिसाइल प्रोग्राम और ऐटमिक हथियारों की वजह से बढ़ते तनाव के मद्देनजर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए थे । जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा है कि तोक्यो कभी भी उत्तरी कोरिया के ऐसे खतरनाक और उकसाऊ गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिससे वैश्विक शांति को खतरा हो । भारत दौरे से लौटे आबे ने कहा कि अगर नोर्थ कोरिया इसी रास्ते पर चलता रहा तो उसका भविष्य उज्जवल नहीं हैं । आबे ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के आह्वान करने के साथ ही कहा है कि अब दुनिया के एक होने का समय आ गया हैं । सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को ही आपात बैठक बुलाई हैं । यूएस पसिफिक कमांड ने पुष्टि कर दी हैं कि नोर्थ कोरिया ने एक मध्यमवर्ती गति का बलिस्टिक मिसाइल प्रशांत महासागर में छोड़ा हैं । हालांकि यह अमेरिका के सैन्य अड्डा२ माने जाने वाले गुआम या उत्तरी अमेरिका के लिए खतरा पैदा नहीं करता । दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल ने ३ हजार ७०० किलोमीटर की दूरी तय की और ७७० किलोमीटर की अधिकत्तम उंचाई तक पहुंचा और फिर प्रशांत महासागर में गिर गया । इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज के जोसेफ डेंपसी ने टि्वटर पर बताया कि इस मिसाइल परिक्षण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर कोरिया सिर्फ गुआम को अपना निशाना नहीं बनाना चाहता । सिर्फ दो हफ्ते पहले ही नोर्थ कोरिया ने ह्वासोग-१२ नाम के मिसाइल का जापान के उपर से परीक्षण किया था । जुलाई महीने में प्योंगयांग ने २ अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का टेस्ट किया था, जिसकी जद में अमेरिका था । इसी महीने नोर्थ कोरिया ने अपना छठा और सबसे शक्तिशाली परमाणु बम का परीक्षण किया था । प्योंगयांग ने दावा किया है कि यह हाईड्रोजन बम है जो कि मिसाइल में फिट हो सकता हैं । प्योंगयांग द्वारा लगातार हथियार विकसित करने के बाद से ही कार्रवाई द्वीप के आसपास के क्षेत्रों में तनाव बरकरार हैं ।
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