मुंबई बम ब्लास्ट केस में मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने ताहिर मर्चेट और फिरोज खान को फांसी की सजा सुनाई हैं । वहीं अबू सलेम और करीमुल्ला शेख को उम्रकैद दी हैं । इसके अलावा रियाज सिद्दीकी को १० साल की सजा सुनाई हैं । अदालत ने सलेम और करीमुल्ला पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया हैं। आपको बता दें कि अदालत ने जून में छह आरोपियों अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेट, बता दें कि अदालत ने जून में छह आरोपियों अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना था । जबकि एक अन्य आरोपी अब्दुल कयूम को अदालत ने बरी कर दिया था । इस बीच एक आरोपी की मौत हो गई थी । गौरतलब है कि मुंबई धमाकों में २५७ लोगों की मौत हुई थी, जबकि करीब ७०० लोग घायल हुए थे । अदालत ने सलेम को हथियार लाने और बांटने का दोषी माना था । वहीं दौसा को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर ब्लास्ट और हत्या करने का दोषी माना था । दौसा ने ही अबू सलेम के घर पर हमलों की साजिश रची थी । उस पर विस्फोटक लाने के लिए अबू सलेम को कार देने का भी आरोप हैं । आपको बता दें कि सलेम के भारत प्रत्यर्पण के लिए भारत की तरफ से तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने लिखित तौर पर पुर्तगाल सरकार और कोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि उसे मौत की सजा भी नहीं दी जाएगी । आपको बता दें कि २००५ में प्रत्यर्पण के बाद से अबू सलेम १२ से १३ साल जेल की सजा काट चुका हैं । आरोपी मुस्तफा दौसा को २००४ में यूएई से गिरफ्तार किया गया था । साल २००५ में अंडरवर्ल्ड डोन अबू सलेम और उसकी गर्लफ्रेन्ड मोनिका देवी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण किया गया था । अदालत ने मुंबई धमाको पर सबसे बड़ा फैसला साल २००६ में सुनाया था । उस समय टाडा कोर्ट ने १२३ अभियुक्तों में १०० को सजा सुनाई थी जबकि २३ लोगों को बरी कर दिया था । साल २००७ में पूरी हुई सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था। जबकि २३ लोग बरी हुए थे । इस मामले में मुख्य आरोपी याकूब मेमन को ३० जुलाई २०१५ को फांसी की सजा दी जा चुकी हैं । १२ मार्च १९९३ को मुंबई में एक के बाद एक १२ बम धमाके हुए थे । इन बम धमाकों में २५७ की जान गई थी । जबकि ७१२ से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे । एक अनुमान के मुताबिक धमाकों में २७ करोड़ रुपये की सपत्ति नष्ट हुई थी । इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से १२९ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था ।
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