दुनियाभर के २० लाख से अधिक मुसलमानों ने इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल में हज यात्रा शुरु की गई । इस साल शिया बहुल ईरान के जायरीन- ए हज फिर से सऊदी अरब के मक्का की यात्रा करेंगे । साल २०१५ में भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगोॆ की मौत होने और दोनों क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के बीच राजनयिक विवाद के बाद ईरान से पिछले साल जायरीन ए हज नहीं भेजे थे । इस बार हज ऐसे समय में हो रहा है जब खाड़ी बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रही हैं । मक्का की मस्जिद अल हराम में हज के लिए दुनिया के चारों कोनों से मुसलमान पहुंचे हैं । हज करने के लिए पहुंचे लोग एहराम पहने भोर में मीना जाने के लिए बसों का इंजतार कर रहे हैं । वहां लाखों लोग अराफात की पहाड़ी पर जाने से पहले जमा होंगे । अराफात की पहाड़ी पर हज का खुतबा होगा । विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने मक्का के पास स्थित खेमों के शहर मीना का दौरा किया और यहां हज के लिए जुटे भारतीय हजयात्रियों से मुलाकात कर बातचीत की । मीना में इस वक्त १७०००० भारतीय जुटे हैं जो अराफात पर्वत के लिए रवाना होंगे । सरकार के हज सद्भावना प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अकबर हाजियों की तरह सफेद चोला पहने थे और उनके साथ सऊदी अरब में भारतीय दूत अहमद जावेद और महावाणिज्य दूत मोहम्मद नूर रहमान शेख भी थे ।
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