नोेटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोगों को टैक्स के दायरे में लाया गया है और मौजूदा वित्त वर्ष के पहले ४ महीनों अप्रैल से जुलाई के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में १९ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई हैं । एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि डायरेक्टर टैक्स कलेक्शन, जिसमें पर्सनल और कोर्पोरेट टैक्स शामिल होता है, अप्रैल से जुलाई के बीच १.९० लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका हैं । कोर्पोरेट इनकम टैक्स में ७.२ फीसदी की वृद्धि हुई है और पर्सनल इनकम टैक्स में १७.५ फीसदी उछाल हैं । बयान में कहा गया है कि हालांकि रिफंड्स को अजस्ट करने के बाद कोर्पोरेट इनकम टैक्स का नेट ग्रोथ रेट २३.२ पर्सेट और पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन ग्रोथ रेट १५.७ पर्सेट हैं । अप्रैल से जुलाई के बीच ६१९२० करोड़ टैक्स रिफंड जारी किया गया, जोकि २०१६-१७ की समान अवधि की तुलना में ५.१ फीसदी कम हैं । इसी सप्ताह सरकार ने बताया कि नोटबंदी के बाद टैक्स रिटर्न फाइलिंग की संख्या में भारी वृद्धि हुई हैं । इस साल २.८३ करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया है जबकि पिछले साल यह आंकडा २.२७ करोड़ था ।
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