राईट टू एज्यूकेशन एक्ट (आरटीई) के तहत अमीर वर्ग के ५० से ज्यादा अभिभावकों पर गलत आय और जाति का दस्तावेज पेश करके संतानों के एडमिशन लिए होने की वजह से पुलिस कार्यवाही शुरू की गई है । इतना ही नहीं आय का गलत दस्तावेज देनेवाले अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही होने की संभावना है । शहर के जिला शिक्षाधिकारी को फर्जी प्रवेश लिए होने की शिकायत मिली थी । जिसकी वजह से जांच के आदेश दिए गए थे । इसी दौरान जांच समिति को २० से ज्यादा स्कूल में ५० से ज्यादा शंकास्पद प्रवेश की चौंकानेवाली जानकारी सामने आने पर कुछ ही दिनों में फर्जी प्रवेश लेनेवाले पर कानूनी कार्यवाही और अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही शुरू की जाएगी । जिला शिक्षाधिकारी नवनीत मेहता के बताये अनुसार जांच कमिटी की जांच का कामकाज पूरा हो चुका है । इस सप्ताह के अंत तक में जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग में पेश किया जाएगा और जल्दी से ऐसे फर्जी शंकास्पद केस पर कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी । यहां उल्लेखनीय है कि आरटीई के तहत प्रवेशपात्र नहीं हो ऐसे अभिभावकों ने गलत पहचान, गलत सबूत तथा गलत प्रमाणपत्र पेश करके अपने संतानों को प्रवेश दिलाने की अन्य अभिभावक तथा निजी स्कल के संचालकों द्वारा व्यापक शिकायतें विभाग को की गई थी । जिसकी जांच पिछले डेढ़ महीने से शुरू की गई थी डीईओ ऑफिस द्वारा अलग-अलग टीमों को बनाकर हरएक स्कूलों में जांच शुरू की गई थी जिसमें ऐसे शंकास्पद केस मिले हैं । शंकास्पद प्रवेश की जांच के आदेश की वजह से ही अमीर अभिभावकों में दहशत फैल चुकी है । अपने पर कार्यवाही होने की दहशत से ३० से ज्यादा स्कूल में से २०० से ज्यादा अमीर अभिभावकों ने खुद ही अपने संतानों के प्रवेश रद्द करा दिए होने की जानकारी मिली है । जांच के रिपोर्ट की वजह से गलत केटेगरी से अन्य तरीके से गुमराह करके अपने बच्चे को प्रवेश दिलानेवाले अभिभावक के विरूद्ध पुलिस केस करके नियम अनुसार आगे की कार्यवाही शुरू की जायेगी ।