सिंधु जल संधि पर भारत और पाक के मध्यस्थ विश्व बैंक ने कहा है कि भारत को संधि के तहत पश्चिमी नदियों पर पनबिजली परियोजना बनाने की इजाजत हैं । भारत की दो परियोजनाओं के डिजाइन पर पाकिस्तान ने ऐतराज किया था । इस तकनीकी मुद्दे पर दोनों देशों में सचिव स्तर की बातचीत हुई हैं । बातचीत की समाप्ति पर विश्व बैंक ने मंगलवार को बताया कि यह बातचीत सद्भाव और सहयोग के माहौल में हुई । दोनों पक्ष बातचीत आगे जारी रखने पर सहमत हुए हैं । अगरे दौर की बातचीत वॉशिग्टन में सितम्बर में होगी । जम्मू कश्मीर में किशनगंगा और रातले पनबिजली परियोजनाओं के भारत के डिजाइन पर सवाल उठाते हुए पाकिस्तान ने पिछले साल वर्ल्ड बैंक का रुख किया था । किशनगंगा प्रोजेक्ट झेलम की सहायक नदी, जबकि प्रोजेक्ट चेनाब नदी से जुड़ा हैं ।संधि में इन दोनों नदियों के साथ सिंधु नदी को पश्चिमी नदियों के तौर पर परिभाषित किया गया हैं । इन नदियों के पानी के इस्तेमाल पर पाकिस्तान को किसी बंदिश का सामना नहीं करना पड़ता हैं । अगस्त को जारी फैक्टशीट में विश्व बैंक ने कहा है कि भारत जिन रुपों में इन नदियों का पानी इस्तेमाल कर सकता हैं । उनमें पनबिजली परियोजनाएं बनाने की भी इजाजत हैं । हालांकि उसकी कुछ सीमाएं भी बताई गई हैं । दोनों देशों के बीच ५७ साल पुरानी इस संधि पर सवाल उठने लगे थे । सीमा पार से होने वाले आतंकवादी हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते । भारत में संधि के तहत नदियों से मिलने वाली पानी की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया था ।
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