डॉ. नीलम गोयल
बांसवाड़ा शहर के लियो विद्द्यालय में भारत कीपरमाणु सहेली डॉ. नीलम गोयल ने विद्द्यार्थीयों कोसम्बोधित किया | डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि कृषिउद्यो-धंधे व सेवाएं भारत के समग्र विकास के तीन मुख्यस्तम्भ हैं | विद्द्युत ऊर्जा इन स्तंभों की नींव है | भारत मेंऔसतन प्रति व्यक्ति सालाना बिजली उपभोग क्षमता900 यूनिट है, जबकि विकसित देशों में यह 8000यूनिट से लेकर 14000 यूनिट तक है| बिजली उत्पादनकी एक महत्वपूर्ण योजना के तहत भारत को सालानाप्रति व्यक्ति औसतन 5000 यूनिट बिजली का उत्पादनकरना है | इसमें 2000 यूनिट परमाणु ऊर्जा से, 1000यूनिट सौर ऊर्जा से, 1000 यूनिट कोयला से, 250-250 यूनिट जल व पव से व बाकी की 5000 यूनिटबिजली का उत्पादन अन्य स्त्रोतों से होना है | वर्तमान मेंकुल बिजली उत्पादन में कोयला की भागीदारी 68प्रतिशत, परमाणु ऊर्जा की 4 प्रतिशत व सोलर की 1प्रतिशत ही है |
सौर ऊर्जा से 1000 यूनिट बिजली के उत्पादन के लिए10 लाख मेगावाट के सौर पावर प्लांट लगाने होंगे |
इसके लिए तकरीबन 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर भूमिकी आवश्यकता होगी | ये सोलर पावर प्लांट ज्यादातररेगीस्थानी जमीन में ही स्थापित हो सकेंगे | भारत कीयह सोलर बिजली योजना का सफल क्रियान्वयन एकअन्य महत्वपूर्ण योजना पर आधारित है | यह दूसरीयोजना है भारत की सभी नदियों के अन्तर्सम्बन्ध कीयोजना |
परमाणु ऊर्जा से 2000 यूनिट के बिजली उत्पादन हेतु4 लाख 80 हजार मेगावाट के परमाणु बिजलीघरलगाने होंगे|