पिछले कुछ महीनों से भारत और चीन के बीच पहली उच्चस्तरीय बातचीत होने वाली है । अगले सप्ताह भारत चीन के वाणिज्य मंत्री जोंग शेन की मेजबानी कर सकता है । हालाकि दोनों ही पक्षों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर दौरे की पुष्टि नहीं की है लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शेन सोमवार को नई दिल्ली जा सकते है ।
हाल के समय में यह दोनों देशों के बीच अहम द्विपक्षीय वार्ताओं में से एक होगी और भारत इसमें चीन के साथ व्यापार संतुलन के विवादित मुद्दों को उठा सकता है । भारत-चीन संयुक्त आर्थिक संघ मंच के तत्वावधान में होने जा रही यह बैठक सि लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे वक्त में होने वाली है अब कुछ दिनों पहले ही सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन भूटान में दक्षिणी डोकलाम तक एक वैकल्पिक मार्ग बना रहा है । यह भारत के डोका ला सैन्य चौकी से ज्यादा दूर नहीं है ।
उम्मीद जताई जा रही है कि विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने चीन के दौरे पर जाएंगी । हालांकि दोनों नेताओं का यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तत्वावधान में होने वाला है यानी इससे द्विपक्षीय बातचीत की गुंजाइश कम है । जोंग की अगले सप्ताह भारतीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के साथ द्विपक्षीय बैठक हो सकती है । जॉइंट इकनॉमिक फोरम (संयुक्त आर्थिक मंच) की स्थापना १९८८ में हुई थी जिसका उद्देश्य चीन के साथ भारत के आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों के लिए दिशानिर्देश तय करना है ।
विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ो के मुताबिक चीन को भारत से निर्यात में करीब १२÷ की कमी आई है और २०१६ में यह करीब १२ अबज डाॆलर (करीब ७८२ अरब रुपये) था । दूसरी तरफ चीन से भारत को आयात में २ प्रतिशत की बढौतरी हुई है और २०१६ में भारत ने चीन से ५९ अरब डाॆलर से ज्यादा का आयात किया ।
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