चीन से सीमा विवाद के बीच बोर्डर पर तैनात होने वाले आईटीबीपी के जवानो को बडे स्तर पर चीनी भाषा सीखने का अभियान शुरु किया जाएगा । अब आपको आईटीबीपी के जवाननी हाओ यानी नमस्कार और हुई कु यानी पीछे हट जाओ जैसी चीनी भाषा को बोलते नजर आएंगे । इस अभियान इसलिए चलाया जा रहा है ताकि बोर्डर वह चीनी सैनियो की भाषा को भी समझ सकें । सुत्र बताते है कि, पिछले ५५ दिनो से सिक्किम के नजदीक डोकलाम में चल रही चीनी सेना और भारतीय सेना की तनातनी के बीच भारत और चीन सीमा की रखवाली करने वाले आईटीबीपी के जवानो को मंदारीन यानी चीनी भाषा सिखाई जाएगी । आईटीबीपी के अधिकारीयो और जवानो की तैनाती शुरु की जा चुकी है । पहले फेज में १२ लोगो की तैनाती की जाएगी जो चीनी भाषा मंदारीन को पहले से ही सीख चुके है । जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में २०० से २५० अधिकारी और जवान जेएनयु से चीनी भाषा सीख चुके है । इन सीखे हुए अधिकारी और जवानो को आईटीबीपी ने सीमा पर अलग अलग जगहो पर तैनात किया हुआ है । अभी चीन भारत के बीच सीमा पर होने वाली बातचीत को समझने में यही जवान मदद करते है । लेकिन पर आने वाले समय में और सभी बीओपी में चीनी भाषा जानने वाले जवान और अधिकारी तैनात किए जाएंगे । आपको बात दें कि जब भी चीनी सेना की तरफ से घुसपैठ की जाती है तो चीनी सैनिको को आईटीबीपी लाल रंग के पोस्टर दिखाती है जिसमें लिखा रहता है गो बेक इसी तरीके के पोस्टरो का इस्तेमाल कई बार होता है । आजतक की टीम ने जब बाराहोती के नजदीक मौजुद रिमखिम पोस्ट का दौरा किया था तो उस समय भी भारत की तरफ से आईटीबीपी के जवान लाल रंग का पोस्टर दिखाया और बताया कि किस तरह वह लोग चीनी सैनिको को वापस भेजने के लिए ऐसे पोस्टरो का इस्तेमाल करते है ।
પાછલી પોસ્ટ